कबसे तेरे ख्वाब मेरी आंखों में पलते हैं ,
दूर -दूर रहकर भी हम -तुम साथ तो चलते हैं ।
हाथ में हाथ दिए बैठे हैं, देखो दोनों सबसे दूर ,
हैं अंजान के जाडों में दिन जल्दी ढलते है ।
अपना कोई घर ,कमरा या पेड़ नहीं ,
आवारा पंछी रोजाना ठौर बदलते हैं ।
आज अभी तो खुल के जी लें ,कल की कौन कहे ।
सड़क -सड़क पर रोज़ मौत के दस्ते चलते हैं ।
ये हों, वो हों कोई भी हों हमको क्या करना ।
शीश बदलने से क्या तख्तो -ताज बदलते है ।
सीमा
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हाथ में हाथ दिए बैठे हैं, देखो दोनों सबसे दूर ,
जवाब देंहटाएंहैं अंजान के जाडों में दिन जल्दी ढलते है ।
ये हों, वो हों कोई भी हों हमको क्या करना
शीश बदलने से क्या तख्तो -ताज बदलते है ।
वाह सीमा जी वाह...दोनों ही शेर ताजगी लिए हुए हैं...पूरी ग़ज़ल ही उम्दा है...बहुत आनंद आया पढ़ कर...शुक्रिया.
नीरज
मनोभाव का सुन्दर दर्पण
जवाब देंहटाएंये हों, वो हों कोई भी हों हमको क्या करना ।
जवाब देंहटाएंशीश बदलने से क्या तख्तो -ताज बदलते है ।
waah !!
bahut hi mn-bhaavan aur saarthak
ghazal kahi hai aapne .
badhaaee svikaarein .
---MUFLIS---
bhut sundar abhivykti
जवाब देंहटाएंअपना कोई घर ,कमरा या पेड़ नहीं ,
जवाब देंहटाएंआवारा पंछी रोजाना ठौर बदलते हैं ।
वाह.....जीवन का दर्शन है इस शेर में...........
लाजवाब ग़ज़ल है ....आपका ये रूप तो hamen pataa ही नहीं था.......बहुत khoob likhti हैं आप
सीमा जी
जवाब देंहटाएंग़ज़ल का ये शेर बहुत पसंद आया -
कबसे तेरे ख्वाब मेरी आंखों में पलते हैं ,
दूर -दूर रहकर भी हम -तुम साथ तो चलते हैं ।
लिखते रहिएगा.
- विजय
seema ji , bahut hi behatreen gazal , specially ye waal sher
जवाब देंहटाएंकबसे तेरे ख्वाब मेरी आंखों में पलते हैं ,
दूर -दूर रहकर भी हम -तुम साथ तो चलते हैं ।
itni shashakt abhivyakti ke liye meri badhai sweekar karen..
vijay
सच हमें क्या करना है....यू दिल में हज़ार दिए जलते है
जवाब देंहटाएंकभी सोम-रस पे भी आयें और पढ़े
http://somadri.blogspot.com/2009/05/taj-or-tejo.html
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http://som-ras.blogspot.com/2009/05/blog-post.html
आपने दिल की महफ़िल बड़े शौक और खूबसूरती से सजायी है सीमा जी !
जवाब देंहटाएंअपना परिचय इतने कम शब्दों में पूरी प्रभावशीलता और ईमानदारी से दिया , क्या बात है , बहुत खूब.
अनुभूति की गहराई ने शिल्प के अनगढ़पन को नज़रंदाज करने की जायज़ वज़ह दे दी है . सच्चाई का सौन्दर्य अद्भुत होता है , आपके चहरे पर सच के औटोग्राफ हैं .
ब्लॉग पर आनंद पाया आपके , धन्यवाद. खूब लिखती पढ़ती रहिएगा . शुभकामनाएं !
आप भी हमारे ब्लॉग पर आइयेगा !
सहज भावाभिव्यक्ति......... बधाई स्वीकारें....
जवाब देंहटाएंये हों, वो हों कोई भी हों हमको क्या करना ।
जवाब देंहटाएंशीश बदलने से क्या तख्तो -ताज बदलते है ।
बहुत खूब
तार से तार जोड़ता हुआ पहली बार आपके
ब्लॉग पर आया हूँ ! आकर ख़ुशी हुयी !
शीश बदलने से क्या तख्तो -ताज बदलते है ।
जवाब देंहटाएंउम्दा गज़ल
ek khubsoorat rachana jisame bhawanaao ki sarita bahati ho
जवाब देंहटाएंबहुत खूबसूरत एहसास की रचना
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंअब आपके बीच आ चूका है ब्लॉग जगत का नया अवतार www.apnivani.com
जवाब देंहटाएंआप अपना एकाउंट बना कर अपने ब्लॉग, फोटो, विडियो, ऑडियो, टिप्पड़ी लोगो के बीच शेयर कर सकते हैं !
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