रविवार, 15 फ़रवरी 2009

वो तो जाँ लेके भी वैसा ही सुबुक -नाम रहा
इश्क के बाब में सब जुर्म हमारे निकले
परवीन शाकिर

1 टिप्पणी:

  1. परवीन शाकिर ....
    एक मोतबर और मुहतरम नाम....
    एक एहद-साज़ शख्सियत ....
    एक लाजवाब शाईरा......

    और आपकी पसंद ....नायाब ...!
    मुबारकबाद कुबूल फरमाएं ......
    ---मुफलिस---

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