कुछ न बाकी रहा छिपाने को
सब पता चल गया ज़माने को |
जिसको दिल से लगा के रक्खा है
, वो तड़पता है दूर जाने को |
रोज़ रो -रो के थक गई ऑंखें ,
मिले मुझे भी कोई शाम खिलखिलाने को |
रात हो ,नींद हो और ऐसा हो ,
कोई आए नही जगाने को |
खुशबु ही बस नहीं है ,इन कागजी फूलों में
वैसे अच्छे हैं ,गुलदान में सजाने को |
दिल तो दिल है ,कोई पहाड़ नहीं
एक खिलौना है टूट जाने को |
सीमा
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एक खूबसूरत अभिव्यक्ति .....
जवाब देंहटाएंशुभकामनाएं .....
खुशबु ही बस नहीं है ,इन कागजी फूलों में
जवाब देंहटाएंवैसे अच्छे हैं ,गुलदान में सजाने को |
bahut khoob.badhaai ho.
bahut khoob.badhaai ho.
जवाब देंहटाएंaap thoda color font color ka sahi upyog kare jise pdhne me asani ho.
www.sometimesinmyheart.blogspot.com