urdu/hindi gazal sher-o-shayari
फैज़ साहब का उम्दा शेर पढ़ कर ज़हन में कई भूली-बीती यादों की दस्तक महसूस हुई ...आपके ब्लॉग पर आना कारगर साबित हुआ .... और.... फैज़ साहब का ही कलाम याद आता है . . . . ."बड़ा है दर्द का रिश्ता, ये दिल गरीब सही , तुम्हारे नाम से आयेंगे गम-गुसार चले ..."शुक्रिया और मुबारकबाद ..........---मुफलिस---
aisa kaise ho sakata hai ki muflis sir koi blog follow karein aur unka shishya nahi?so here i am....,,,and following this blog is worth while,,,
फैज़ साहब का उम्दा शेर पढ़ कर
जवाब देंहटाएंज़हन में कई भूली-बीती यादों की दस्तक महसूस हुई ...
आपके ब्लॉग पर आना कारगर साबित हुआ ....
और.... फैज़ साहब का ही कलाम याद आता है . . . . .
"बड़ा है दर्द का रिश्ता, ये दिल गरीब सही ,
तुम्हारे नाम से आयेंगे गम-गुसार चले ..."
शुक्रिया और मुबारकबाद ..........
---मुफलिस---
aisa kaise ho sakata hai ki muflis sir koi blog follow karein aur unka shishya nahi?
जवाब देंहटाएंso here i am....
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